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कहानी अधूरी सी

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16 January 2019

तुझे याद करना , ना करना मेरे बस में कहाँ राधे.
दिल को आदत हैं........
हर धडकन पे तेरा नाम लेने की .......
            
मुरली हो तुम मेरी, होठो से लगी रहती हो........
मजबुरी है कुछ एसी, बस ख्वाबो में याद करने की.....

वो जमाना तुम्हारा ही था,.....
ये जमाना भी तुम्हारा ही है,
बस हक किसी और का है मेरे. साथ चलने की.............

बाहो में है जो वो मेरे साथ है,
धड़कन को सिर्फ तेरी ही आहट समझ आती है........

जान देते हैं ये मुझ पे,
तुझसा हुनर कहा इसे मुझे जान लेने की........

राधे मैं महल का राजा हूँ,
मन का मीत वही वन में भटकता है..........
सिंहासन के शंखनाद में मैं ठिठर सा गया हूँ..........

तरस गए हैं कान, श्यामा नाम सुनने की.........
वो राधे हम तुम्हें क्या बताए महल का सबब........

हुक्म के प्यादे है सारे यहाँ,.......
तुझसा दुसरा कहां यहाँ,
जो पलकें बिछाए बैठे हो कान्हा नाम सुनने की..........

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