क्या आपको पता है डायल 4242 क्या है?
नहीं है, तो मैं बताता हूं .... डायल 4242 प्ले स्टोर पर मिलने वाला एप्लीकेशन है जिस पर आप कभी भी कहीं भी जरूरत के समय एंबुलेंस मंगवा सकते हैं। दोस्तों आज हम इसी के फॉर्म को फाउंडर निलेश जी, जितेंद्र जी और हिमांशु जी के बारे में जानेंगे।
और उनसे सीखने की कोशिश करेंगे, 36 वर्षीय जितेंद्र लालवानी को मार्केटिंग के क्षेत्र में 10 साल के लगभग का अनुभव था, एक बार उनके पिताजी बीमार हो गए और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए जितेंद्र लालवानी जी को एंबुलेंस के लिए काफी देर तक मशक्कत करना पड़ा।लालवानी जी को पता चला कि अगर किसी को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध ना हो, तो कैसा प्रॉब्लम खड़ा हो जाता है।इसी के दौरान उनके दिमाग में एक आइडिया आया, तो वह मुंबई में नीलेश और हिमांशु से मिले और इस समस्या के बारे में बताया। तीनों ने इस समस्या को लोगों के फायदे और अपने बिजनेस से जोड़ने का तरीका खोजा नीलेश को IT सर्विसेज के क्षेत्र में 25 वर्ष से ज्यादा का 2sअनुभव था हिमांशु को सर्विस इंडस्ट्रीज में लगभग 20 साल का अनुभव था और स्टाफ को सिस्टम की जानकारी भी थी तीनो ने मिलकर डायल 4242 नाम से एक कंपनी शुरू की या प्लेटफार्म यूजर को सबसे नजदीक एंबुलेंस एक्सेस कराने में मदद करता है एंबुलेंस में कई बार यह समस्या देखने को मिलती है कि वह जरूरत के समय मनमाना पैसा वसूल करता है लेकिन निलेश निलेश की कंपनी ने इसे भी लोक कर के बहुत सारे लोगों पर से भोज कम किया इस प्लेटफार्म पर शुरुआती 5 किलोमीटर का किराया पहले से तय किया रहता है और इसके बाद सभी किलोमीटर के हिसाब से किराया दिया जाता है कंपनी का लक्ष्य सबसे ज्यादा सबसे पहले हॉस्पिटल से टाइप करना है ताकि किसी इमरजेंसी में मरीज को एक से दूसरे जगह ट्रांसफर करना हो तो वह इस सर्विस का फायदा उठा सकें इस ऐप को 2जी 3जी और 4जी तीनों इंटरनेट कनेक्टिविटी पर पेस्ट कर दिया गया है अभी यह सिर्फ मुंबई में ही उपलब्ध है इस प्लेटफार्म को अब तक ₹1 की फंडिंग मिल चुकी है इसलिए प्रत्येक बुकिंग में 20 फ़ीसदी कमीशन मिलता है इस ऐप को अब तक 12:00 सौ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है यही है न
नहीं है, तो मैं बताता हूं .... डायल 4242 प्ले स्टोर पर मिलने वाला एप्लीकेशन है जिस पर आप कभी भी कहीं भी जरूरत के समय एंबुलेंस मंगवा सकते हैं। दोस्तों आज हम इसी के फॉर्म को फाउंडर निलेश जी, जितेंद्र जी और हिमांशु जी के बारे में जानेंगे।
और उनसे सीखने की कोशिश करेंगे, 36 वर्षीय जितेंद्र लालवानी को मार्केटिंग के क्षेत्र में 10 साल के लगभग का अनुभव था, एक बार उनके पिताजी बीमार हो गए और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए जितेंद्र लालवानी जी को एंबुलेंस के लिए काफी देर तक मशक्कत करना पड़ा।लालवानी जी को पता चला कि अगर किसी को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध ना हो, तो कैसा प्रॉब्लम खड़ा हो जाता है।इसी के दौरान उनके दिमाग में एक आइडिया आया, तो वह मुंबई में नीलेश और हिमांशु से मिले और इस समस्या के बारे में बताया। तीनों ने इस समस्या को लोगों के फायदे और अपने बिजनेस से जोड़ने का तरीका खोजा नीलेश को IT सर्विसेज के क्षेत्र में 25 वर्ष से ज्यादा का 2sअनुभव था हिमांशु को सर्विस इंडस्ट्रीज में लगभग 20 साल का अनुभव था और स्टाफ को सिस्टम की जानकारी भी थी तीनो ने मिलकर डायल 4242 नाम से एक कंपनी शुरू की या प्लेटफार्म यूजर को सबसे नजदीक एंबुलेंस एक्सेस कराने में मदद करता है एंबुलेंस में कई बार यह समस्या देखने को मिलती है कि वह जरूरत के समय मनमाना पैसा वसूल करता है लेकिन निलेश निलेश की कंपनी ने इसे भी लोक कर के बहुत सारे लोगों पर से भोज कम किया इस प्लेटफार्म पर शुरुआती 5 किलोमीटर का किराया पहले से तय किया रहता है और इसके बाद सभी किलोमीटर के हिसाब से किराया दिया जाता है कंपनी का लक्ष्य सबसे ज्यादा सबसे पहले हॉस्पिटल से टाइप करना है ताकि किसी इमरजेंसी में मरीज को एक से दूसरे जगह ट्रांसफर करना हो तो वह इस सर्विस का फायदा उठा सकें इस ऐप को 2जी 3जी और 4जी तीनों इंटरनेट कनेक्टिविटी पर पेस्ट कर दिया गया है अभी यह सिर्फ मुंबई में ही उपलब्ध है इस प्लेटफार्म को अब तक ₹1 की फंडिंग मिल चुकी है इसलिए प्रत्येक बुकिंग में 20 फ़ीसदी कमीशन मिलता है इस ऐप को अब तक 12:00 सौ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है यही है न
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